प्रधानमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री से मांग, नए खुले एम्स में मेडिकल लैब टेक्नीशियन/टेक्नोलॉजिस्ट की स्थाई भर्तियां की जाये ,आउटसोर्सिंग से भर्ती की जाए बंद
प्रधानमंत्री ,स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जैसे छह संस्थान, बिहार (पटना), मध्य प्रदेश (भोपाल), उड़ीसा (भुवनेश्वर), राजस्थान (जोधपुर), छत्तीसगढ़ (रायपुर) और उत्तरांचल (ऋषिकेश), में स्थापित किया गया I ये सभी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान केंद्र सरकार के अधीन आते है और वर्ष 2012 से संचालित हो रहे है
स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पद
जबकि स्थाई पदों के स्थान पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कुछ पदों पर भर्ती करके काम करवाया जा रहा है वो भी बहुत काम सैलरी पर जो की गलत है
चरणबद्ध तरीके से भारत के अन्य राज्यों में एम्स को प्रारम्भ किया जा चूका है और खोला जा रहा है हम लगातार पिछले कई वर्ष से प्रधानमंत्री जी, केन्दीय स्वास्थ्य मंत्री जी, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र के माध्यम से ज्ञापन के माद्यम से सूचित कर चुके है कि सभी स्वीकृत पदों पर रेगुलर परमानेंट भर्तियां कि जाये
अभी हाल में ही प्रधानमंत्री जी, केन्दीय स्वास्थ्य मंत्री जी, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर मांग किया गया है
भारत वर्ष के सभी मेडिकल लैब टेक्नीशियन लैब टेक्नोलॉजिस्ट आउटसोर्सिंग के माध्यम से मेडिकल टेक्निकल स्टाफ कि भर्तियों का विरोध करते है I अतः सभी एम्स में रेगुलर ,परमेनन्ट भर्तियां की जाये आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्तियां बंद किया जाय, हमारे आग्रह को स्वीकार किया जाये अन्यथा हम मज़बूरी वश आंदोलन के लिए अग्रसर हो सकते हैं
भारत वर्ष के सभी मेडिकल लैब टेक्नीशियन / लैब टेक्नोलॉजिस्ट ने COVID -19 महामारी में संविदा / कॉन्ट्रैक्ट में जान को जोखिम में डालकर काम किया है स्थाई रोजगार चाहिए
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी प्रोफेशन के साथ शोषण क्यों किया जाता है
प्रश्न ये है कि कौन जिम्मेदार है मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी प्रोफेशन में शामिल लोग या सरकार
विचार करें कि कहीं संगठित नहीं होना ही एकमात्र कारण तो नहीं
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